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क्या आपने कभी सोचा है कि भारत के शहर कैसे भविष्य में और बेहतर और पर्यावरण के अनुकूल हो सकते हैं? यही सपना लेकर भारत सरकार ने Smart Cities Mission की शुरुआत 25 जून 2015 को की थी। इस मिशन का लक्ष्य है देश के 100 शहरों को स्मार्ट सिटी में बदलना, जहां नागरिकों को बेहतर जीवनशैली, टेक्नोलॉजी आधारित सुविधाएं और सस्टेनेबल पर्यावरण मिले।
यह मिशन न केवल शहरी विकास को बढ़ावा देता है, बल्कि शहरों को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत करने का भी प्रयास करता है। हाल ही में इस मिशन को मार्च 2025 तक बढ़ाया गया है, ताकि बचे हुए प्रोजेक्ट्स पूरे हो सकें। आइए, इस लेख में हम Smart Cities Mission 2025 के बारे में विस्तार से जानते हैं और समझते हैं कि यह हमारे शहरों को कैसे बदल रहा है।
Smart Cities Mission का मुख्य उद्देश्य
Smart Cities Mission का उद्देश्य शहरों को ऐसा बनाना है, जहां लोग न केवल आराम से रह सकें, बल्कि संसाधनों का सही उपयोग भी हो। इसके प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं:
- बुनियादी ढांचे का विकास: सड़क, पानी, बिजली और स्वच्छता जैसी सुविधाओं को बेहतर करना।
- सस्टेनेबल पर्यावरण: प्रदूषण कम करना और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना।
- आर्थिक विकास: स्थानीय व्यवसायों को प्रोत्साहन और रोजगार के अवसर बढ़ाना।
- टेक्नोलॉजी का उपयोग: IoT, डेटा एनालिटिक्स और डिजिटल सेवाओं के जरिए शहरों को स्मार्ट बनाना।
- नागरिकों की सुविधा: पारदर्शी प्रशासन और ऑनलाइन सेवाओं के माध्यम से जीवन को आसान बनाना।
Smart Cities Mission के प्रमुख घटक
स्मार्ट सिटी का मतलब केवल चमकती इमारतें या हाई-टेक गैजेट्स नहीं है। इसके कई महत्वपूर्ण घटक हैं, जो इसे खास बनाते हैं:
- एरिया-बेस्ड डेवलपमेंट: इसमें रेट्रोफिटिंग (पुराने इलाकों को बेहतर करना), रिडेवलपमेंट (पुनर्विकास) और ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स (नए इलाकों का विकास) शामिल हैं।
- पैन-सिटी सॉल्यूशंस: पूरे शहर में टेक्नोलॉजी आधारित समाधान, जैसे स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट और इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर्स।
- स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर: स्मार्ट लाइटिंग, वाटर मैनेजमेंट और वेस्ट रीसाइक्लिंग जैसी सुविधाएं।
- सामाजिक ढांचा: शिक्षा, स्वास्थ्य और संस्कृति से जुड़े प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देना।
Smart Cities Mission City Selection
Smart Cities Mission के तहत शहरों का चयन एक अनोखी और प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के जरिए किया गया। इस प्रक्रिया को स्मार्ट सिटी चैलेंज कहा जाता है। इसके प्रमुख बिंदु:
- राज्य-स्तरीय प्रतियोगिता: सभी राज्यों को अपने शहरों को नामांकित करने का मौका दिया गया।
- राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता: राज्य स्तर पर चुने गए शहरों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी योजनाएं पेश कीं।
- 100 शहरों का चयन: 2016 से 2018 तक चार राउंड में 100 शहरों को चुना गया। उत्तर प्रदेश (13 शहर) और तमिलनाडु (12 शहर) सबसे ज्यादा शहरों वाले राज्य हैं।
- कुछ राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के कुछ शहरों (मुंबई, नवी मुंबई) ने बाद में अपनी भागीदारी वापस ले ली।
फंडिंग और बजट
Smart Cities Mission को केंद्र सरकार द्वारा एक सेंट्रली स्पॉन्सर्ड स्कीम के रूप में चलाया जा रहा है। इसके लिए फंडिंग का ढांचा इस प्रकार है:
- केंद्र का योगदान: 5 साल में 48,000 करोड़ रुपये, यानी प्रति शहर प्रति वर्ष औसतन 100 करोड़ रुपये।
- राज्य और स्थानीय निकायों का योगदान: केंद्र के बराबर राशि राज्यों और स्थानीय निकायों को देनी होती है।
- कुल बजट: अब तक 1.64 लाख करोड़ रुपये के 8,075 प्रोजेक्ट्स टेंडर किए गए हैं, जिनमें से 90% से ज्यादा पूरे हो चुके हैं।
- पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP): कई प्रोजेक्ट्स में निजी कंपनियों की भागीदारी भी ली गई है, हालांकि PPP के जरिए केवल 6% फंडिंग ही हो पाई है।
Smart Cities Mission में शामिल प्रमुख शहर
Smart Cities Mission के तहत भारत के 100 शहरों को चुना गया है। कुछ प्रमुख शहरों की सूची इस प्रकार है:
उत्तर प्रदेश (13 शहर)
- लखनऊ
- कानपुर
- आगरा
- वाराणसी
- प्रयागराज
- मेरठ
- बरेली
- अलीगढ़
- झांसी
- सहारनपुर
- मुरादाबाद
- आजमगढ़
- गाजियाबाद
तमिलनाडु (12 शहर)
- चेन्नई
- कोयंबटूर
- मदुरै
- तिरुचिरापल्ली
- सलेम
- तिरुनेलवेली
- तंजावुर
- वेल्लोर
- इरोड
- तूतीकोरिन
- डिंडीगुल
- तिरुप्पुर
महाराष्ट्र (10 शहर)
- पुणे
- नागपुर
- नासिक
- ठाणे
- सोलापुर
- अमरावती
- औरंगाबाद
- कल्याण-डोंबिवली
- पिंपरी-चिंचवड
- शिवाजी नगर
गुजरात (6 शहर)
- अहमदाबाद
- सूरत
- वडोदरा
- राजकोट
- गांधीनगर
- दाहोद
मध्य प्रदेश (7 शहर)
- भोपाल
- इंदौर
- जबलपुर
- ग्वालियर
- सागर
- उज्जैन
- सतना
कर्नाटक (7 शहर)
- बेंगलुरु
- हुबली-धारवाड़
- मैंगलोर
- मैसूर
- दावणगेरे
- बेलगाम
- शिवमोग्गा
आंध्र प्रदेश (5 शहर)
- विशाखापट्टनम
- अमरावती
- तिरुपति
- काकीनाडा
- गुंटूर
राजस्थान (4 शहर)
- जयपुर
- उदयपुर
- कोटा
- अजमेर
बिहार (4 शहर)
- पटना
- भागलपुर
- मुजफ्फरपुर
- बिहारशरीफ
पंजाब (3 शहर)
- अमृतसर
- जालंधर
- लुधियाना
हरियाणा (3 शहर)
- फरीदाबाद
- गुरुग्राम
- करनाल
छत्तीसगढ़ (3 शहर)
- रायपुर
- बिलासपुर
- नया रायपुर (अटल नगर)
ओडिशा (2 शहर)
- भुवनेश्वर
- राउरकेला
तेलंगाना (2 शहर)
- हैदराबाद
- वारंगल
केरल (2 शहर)
- कोच्चि
- तिरुवनंतपुरम
असम (1 शहर)
- गुवाहाटी
सिक्किम (1 शहर)
- गंगटोक
हिमाचल प्रदेश (1 शहर)
- धर्मशाला
गोवा (1 शहर)
- पणजी
झारखंड (1 शहर)
- रांची
अरुणाचल प्रदेश (1 शहर)
- पासीघाट
मणिपुर (1 शहर)
- इंफाल
मेघालय (1 शहर)
- शिलांग
मिजोरम (1 शहर)
- आइजोल
नागालैंड (1 शहर)
- कोहिमा
त्रिपुरा (1 शहर)
- अगरतला
केंद्र शासित प्रदेश (7 शहर)
- चंडीगढ़
- नई दिल्ली (NDMC)
- पोर्ट ब्लेयर (अंडमान और निकोबार द्वीप समूह)
- दमन (दमन और दीव)
- सिलवासा (दादरा और नगर हवेली)
- कावारत्ती (लक्षद्वीप)
- जम्मू/श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर)
Smart Cities Mission में प्रमुख परियोजनाएं
Smart Cities Mission के तहत कई तरह की परियोजनाएं चल रही हैं, जो शहरों को आधुनिक और स्मार्ट बना रही हैं। कुछ उदाहरण:
- इंदौर: ग्रेविटी-बेस्ड सीवेज सिस्टम से 205 MLD अनट्रीटेड सीवेज को रोका गया।
- अहमदाबाद: सेंसर-बेस्ड वाटर नेटवर्क से 50 MLD पानी की आपूर्ति बढ़ी।
- विशाखापट्टनम: फ्लोटिंग सोलर प्लांट से 3,613 MWh बिजली का उत्पादन।
- वाराणसी: GIS और IoT सेंसर के साथ रियल-टाइम डेटा एनालिटिक्स से शहर प्रशासन में सुधार।
- अन्य प्रोजेक्ट्स में मेट्रो लाइन, स्मार्ट रोड, साइकिल ट्रैक और इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर्स शामिल हैं।
Smart Cities Mission में नागरिकों के लिए सुविधाएं
Smart Cities Mission का असली मकसद है नागरिकों का जीवन आसान बनाना। कुछ प्रमुख सुविधाएं:
- ऑनलाइन सेवाएं: नगर निगम की सेवाएं अब ऑनलाइन उपलब्ध हैं, जैसे टैक्स भुगतान और शिकायत निवारण।
- स्मार्ट ट्रांसपोर्ट: पब्लिक ट्रांसपोर्ट और ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से जाम की समस्या कम हुई।
- सुरक्षा: CCTV और स्मार्ट पुलिसिंग से शहर सुरक्षित हुए।
- मनोरंजन: पार्क, ओपन जिम और खेल के मैदानों का विकास।
- स्वच्छता: वेस्ट मैनेजमेंट और रीसाइक्लिंग से शहर साफ-सुथरे।
Smart Cities Mission Benefits
Smart Cities Mission के कई लाभ हैं, जो शहरों और नागरिकों के लिए गेम-चेंजर साबित हो रहे हैं:
- जीवन स्तर में सुधार: बेहतर सुविधाओं से लोगों का जीवन आसान और आरामदायक।
- आर्थिक विकास: नए प्रोजेक्ट्स से रोजगार के अवसर और स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा।
- पर्यावरण संरक्षण: सौर ऊर्जा और वेस्ट मैनेजमेंट से प्रदूषण में कमी।
- पारदर्शी प्रशासन: डिजिटल सेवाओं से भ्रष्टाचार कम हुआ और जवाबदेही बढ़ी।
- ग्लोबल पहचान: स्मार्ट सिटी बनने से भारत के शहरों को वैश्विक स्तर- Smart Cities Mission अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग भी प्राप्त कर रहा है, जैसे सिंगापुर, जापान और फ्रांस जैसे देशों से।
Smart Cities Mission Challenges
हर बड़े प्रोजेक्ट की तरह, Smart Cities Mission को भी कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है:
- फंडिंग की कमी: कुछ राज्यों और शहरों को केंद्र से पूरी फंडिंग नहीं मिली।
- प्रोजेक्ट्स में देरी: कानूनी अड़चनें, जमीन अधिग्रहण और संसाधनों की कमी से प्रोजेक्ट्स में देरी।
- गवर्नेंस समस्याएं: स्मार्ट सिटी SPV मॉडल को लेकर स्थानीय निकायों के साथ टकराव।
- असमान प्रगति: कुछ शहरों ने 100% प्रोजेक्ट्स पूरे किए, जबकि कुछ अभी भी पीछे हैं।
- सीमित दायरा: मिशन में केवल 1% शहर के क्षेत्र को विकसित करने पर फोकस, जिससे कई इलाके छूट गए।
संपर्क जानकारी
Smart Cities Mission से जुड़ी जानकारी या शिकायत के लिए आप निम्नलिखित तरीकों से संपर्क कर सकते हैं:
- आधिकारिक वेबसाइट: smartcities.gov.in
- हेल्पलाइन नंबर: 1800-11-2025
- ईमेल: support@smartcities.gov.in
- नोडल मंत्रालय: Ministry of Housing and Urban Affairs (MoHUA)
निष्कर्ष
Smart Cities Mission 2025 भारत के शहरी विकास में एक नया अध्याय लिख रहा है। यह मिशन न केवल शहरों को टेक्नोलॉजी और सुविधाओं से लैस कर रहा है, बल्कि नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने का भी प्रयास कर रहा है। स्मार्ट ट्रांसपोर्ट, डिजिटल गवर्नेंस, साफ-सुथरा पर्यावरण और आर्थिक विकास जैसे लक्ष्यों के साथ यह मिशन भारत को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दे रहा है। हालांकि, फंडिंग, गवर्नेंस और प्रोजेक्ट्स में देरी जैसी चुनौतियां अभी भी बाकी हैं, लेकिन 90% से ज्यादा प्रोजेक्ट्स पूरे होने के साथ यह मिशन सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। मार्च 2026 तक बचे हुए प्रोजेक्ट्स के पूरे होने की उम्मीद है, जो भारत के शहरों को और स्मार्ट बनाएंगे।
FAQs
1. स्मार्ट सिटी के लिए फंड कहाँ से आता है?
➤ केंद्र सरकार, राज्य सरकार और प्राइवेट कंपनियाँ मिलकर फंडिंग करती हैं।
2. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स की प्रोग्रेस कैसे चेक करें?
➤ आधिकारिक वेबसाइट पर प्रोजेक्ट डैशबोर्ड उपलब्ध है।
3. स्मार्ट सिटी मिशन कब शुरू हुआ?
➤ यह मिशन 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया।
4. स्मार्ट सिटी में क्या सुविधाएं मिलेंगी?
➤ स्मार्ट ट्रांसपोर्ट, ऑनलाइन सेवाएं, बेहतर स्वच्छता, सुरक्षा और मनोरंजन की सुविधाएं।
5. कौन से शहर स्मार्ट सिटी मिशन का हिस्सा हैं?
➤ लखनऊ, इंदौर, अहमदाबाद, चेन्नई, भोपाल जैसे 100 शहर इस मिशन में शामिल हैं।