Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana 2025: हर गांव को पक्की और सुरक्षित सड़क!

Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana

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Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana – PMGSY भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे साल 2000 में शुरू किया गया था। इसका मकसद ग्रामीण भारत को हर मौसम में सड़क कनेक्टिविटी से जोड़ना है। इस योजना के तहत उन गांवों को प्राथमिकता दी जाती है, जो अभी तक पक्की सड़कों से नहीं जुड़े हैं। PMGSY न केवल सड़क निर्माण करती है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार तक पहुंच को आसान बनाने में भी मदद करती है।

2025 तक, Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana के चौथे चरण (PMGSY-IV) के तहत 25,000 असंबद्ध बस्तियों को जोड़ने और मौजूदा सड़कों को अपग्रेड करने का लक्ष्य है। यह योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा संचालित की जाती है और राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी (NRIDA) इसका मुख्य कार्यान्वयनकर्ता है। योजना के तहत अब तक लाखों किलोमीटर सड़कें बन चुकी हैं, जिसने ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल दी है। यह न केवल कनेक्टिविटी बढ़ाती है, बल्कि स्थानीय लोगों के जीवन स्तर को भी सुधारती है।

Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana का मुख्य उद्देश्य

Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में हर मौसम में चलने वाली पक्की सड़कों का निर्माण करना है। यह योजना उन बस्तियों को प्राथमिकता देती है, जिनकी आबादी 500 से अधिक (मैदानी क्षेत्रों में) और 250 से अधिक (पहाड़ी, उत्तर-पूर्वी और विशेष क्षेत्रों में) है। इसका लक्ष्य ग्रामीण लोगों को बाजारों, स्कूलों, अस्पतालों और अन्य सुविधाओं तक आसान पहुंच प्रदान करना है। PMGSY-II और PMGSY-III के तहत मौजूदा सड़कों को अपग्रेड करना और लंबे स्पैन वाले पुलों का निर्माण भी शामिल है। इसके अलावा, यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और गरीबी उन्मूलन में योगदान देती है।

Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana के लाभ

Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana ने ग्रामीण भारत में कई सकारात्मक बदलाव लाए हैं। इसके प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:

  • बेहतर कनेक्टिविटी: हर मौसम में चलने वाली सड़कें ग्रामीण लोगों को शहरों और बाजारों से जोड़ती हैं।
  • आर्थिक विकास: किसानों को अपनी उपज बाजार तक ले जाने में आसानी होती है, जिससे उनकी आय बढ़ती है।
  • शिक्षा और स्वास्थ्य तक पहुंच: बच्चे स्कूल और मरीज अस्पताल आसानी से पहुंच सकते हैं।
  • रोजगार के अवसर: सड़क निर्माण और मेंटेनेंस से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है।
  • सामाजिक समावेशन: दूर-दराज के गांव मुख्यधारा से जुड़ते हैं, जिससे सामाजिक और आर्थिक असमानता कम होती है।

स्वतंत्र अध्ययनों, जैसे NITI Aayog और विश्व बैंक की रिपोर्ट्स, ने भी PMGSY के सकारात्मक प्रभाव को रेखांकित किया है।

सड़कों का निर्माण और गुणवत्ता

कौन सी एजेंसियां सड़क निर्माण करती हैं?

Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana के तहत सड़क निर्माण का काम राज्य सरकारों और उनकी कार्यकारी एजेंसियों, जैसे राज्य ग्रामीण सड़क विकास एजेंसी (SRRDA) और जिला स्तरीय प्रोग्राम इम्प्लीमेंटेशन यूनिट्स (PIUs) द्वारा किया जाता है। राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी (NRIDA) केंद्र स्तर पर योजना की निगरानी और तकनीकी सहायता प्रदान करती है।

सड़क निर्माण की गुणवत्ता का ध्यान कैसे रखा जाता है?

PMGSY में सड़क निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए तीन स्तरीय गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र है:

  1. पहला स्तर: PIUs सामग्री और निर्माण प्रक्रिया की जांच करते हैं।
  2. दूसरा स्तर: राज्य गुणवत्ता मॉनिटर्स (SQMs) निर्माण के विभिन्न चरणों में निरीक्षण करते हैं।
  3. तीसरा स्तर: राष्ट्रीय गुणवत्ता मॉनिटर्स (NQMs) स्वतंत्र रूप से सड़कों की जांच करते हैं।

सड़कों को इंडियन रोड कांग्रेस (IRC) के मानकों के अनुसार बनाया जाता है। नई तकनीकों, जैसे सीमेंट स्टेबिलाइजेशन और वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग, लागत कम करने और पर्यावरण संरक्षण में मदद करता है।

सड़कों की मेंटेनेंस और देखरेख

सड़क निर्माण के बाद पहले पांच साल तक मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ठेकेदार की होती है, जिसके लिए राज्य सरकारें फंड उपलब्ध कराती हैं। इसके बाद, सड़कों को जोनल मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट्स के तहत रखा जाता है। eMARG सॉफ्टवेयर के जरिए मेंटेनेंस पेमेंट्स की निगरानी की जाती है। “मेरी सड़क” मोबाइल ऐप नागरिकों को सड़कों की स्थिति के बारे में फीडबैक देने की सुविधा देता है।

Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana के लिए पात्रता

Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana के तहत पात्रता निम्नलिखित मानदंडों पर आधारित है:

  • बस्ती की जनसंख्या: मैदानी क्षेत्रों में 500+ और पहाड़ी/उत्तर-पूर्वी/विशेष क्षेत्रों में 250+ आबादी वाली बस्तियां।
  • असंबद्ध बस्तियां: ऐसी बस्तियां जो अभी तक पक्की सड़कों से नहीं जुड़ी हैं।
  • विशेष क्षेत्र: लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिज्म (LWE) प्रभावित क्षेत्रों में 100+ आबादी वाली बस्तियां भी पात्र हैं।
  • चयन प्रक्रिया: सड़कों का चयन जिला पंचायत और सांसदों/विधायकों के परामर्श से किया जाता है।

यह योजना व्यक्तिगत लाभार्थियों के लिए नहीं है, बल्कि बस्तियों को जोड़ने के लिए है।

Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana के लिए आवेदन की प्रक्रिय

Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana में व्यक्तिगत आवेदन की प्रक्रिया नहीं है। सड़क निर्माण का प्रस्ताव राज्य सरकारें और जिला प्रशासन तैयार करते हैं। फिर भी, अगर कोई गांव योजना का लाभ लेना चाहता है, तो निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

  1. स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें: ग्राम पंचायत या जिला पंचायत में अपनी बस्ती को PMGSY के तहत शामिल करने का अनुरोध करें।
  2. प्रस्ताव तैयार करें: पंचायत और स्थानीय विधायक/सांसद के साथ मिलकर सड़क निर्माण का प्रस्ताव बनाएं।
  3. प्रस्ताव जमा करें: यह प्रस्ताव SRRDA को भेजा जाता है, जो इसे NRIDA को अग्रेषित करता है।
  4. जांच और स्वीकृति: NRIDA और मंत्रालय प्रस्ताव की तकनीकी और वित्तीय जांच करते हैं।
  5. निर्माण शुरू: स्वीकृति के बाद सड़क निर्माण शुरू होता है।

नागरिक “मेरी सड़क” ऐप के जरिए सड़क की स्थिति पर फीडबैक दे सकते हैं।

प्रोजेक्ट की फंडिंग और बजट

केंद्र और राज्य सरकार का योगदानPMGSY के तहत फंडिंग का बंटवारा केंद्र और राज्य सरकारों के बीच होता है। सामान्य राज्यों के लिए यह अनुपात 60:40 (केंद्र:राज्य) है, जबकि उत्तर-पूर्वी और हिमालयी राज्यों के लिए 90:10 है। केंद्र सरकार सभी संघ शासित प्रदेशों के लिए 100% फंडिंग करती है।
फंड आवंटन और उपयोग का तरीकाफंड आवंटन राज्यों के प्रस्तावों, उनके कार्यान्वयन क्षमता और बकाया राशि के आधार पर होता है। फंड सीधे SRRDA के खाते में ट्रांसफर किए जाते हैं, जो इसे PIUs को वितरित करता है। eMARG सॉफ्टवेयर मेंटेनेंस फंड के उपयोग की पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
साल 2025 के लिए योजना का बजटPMGSY-IV (2024-25 से 2028-29) के लिए कुल 70,125 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 19,000 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिस्सा आवंटित किया गया है, जिसमें से 1,975.15 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं।

योजना की निगरानी और सफलता

सड़क निर्माण की मॉनिटरिंग कैसे होती है?PMGSY में सड़क निर्माण की निगरानी के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग होता है। OMMAS (ऑनलाइन मैनेजमेंट, मॉनिटरिंग, और अकाउंटिंग सिस्टम) के जरिए प्रगति की रियल-टाइम ट्रैकिंग की जाती है। जियो-टैगिंग और “मेरी सड़क” ऐप के जरिए नागरिक भी निगरानी में योगदान दे सकते हैं। NQMs और SQMs नियमित निरीक्षण करते हैं।
अब तक कितनी सड़कें बन चुकी हैं?6 दिसंबर 2024 तक, PMGSY के तहत 1,90,155 सड़क परियोजनाएं स्वीकृत की गईं, जिनमें 7,69,551 किमी सड़क और 9,199 लंबे स्पैन वाले पुल पूरे हो चुके हैं। PMGSY-III के तहत 99,319 किमी सड़क स्वीकृत की गई, जिसमें से 64,331 किमी नई/हरित तकनीक से बनी हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में इसका प्रभावPMGSY ने ग्रामीण भारत को बदल दिया है। NITI Aayog और ILO जैसे संगठनों के अध्ययन बताते हैं कि इस योजना ने बाजारों तक पहुंच, Arab, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किया, और रोजगार के अवसर पैदा किए। यह ग्रामीण गरीबी को कम करने और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने में भी योगदान दे रही है।

संपर्क जानकारी

  • आधिकारिक वेबसाइट: pmgsy.nic.in
  • हेल्पलाइन: 011-23389100 (NRIDA, नई दिल्ली)
  • ईमेल: pmgsy@nic.in
  • पता: राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी, 5वीं मंजिल, 15, NBCC टावर, भीकाजी कामा प्लेस, नई दिल्ली – 110066
  • मेरी सड़क मोबाइल ऐप: Download Now

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana) ग्रामीण भारत के लिए एक वरदान साबित हुई है। इसने न केवल गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ा, बल्कि उनकी आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक स्थिति को भी बेहतर बनाया। PMGSY-IV के तहत 2025 तक 25,000 और बस्तियों को जोड़ने का लक्ष्य ग्रामीण विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस योजना की पारदर्शी निगरानी, उन्नत तकनीकों का उपयोग और गुणवत्ता पर जोर इसे और प्रभावी बनाता है।

हालांकि, चुनौतियां जैसे फंडिंग में देरी और रखरखाव की जिम्मेदारी को और बेहतर प्रबंधन की जरूरत है। फिर भी, PMGSY ने ग्रामीण भारत को मुख्यधारा से जोड़कर समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। अगर आप अपने गांव को इस योजना से जोड़ना चाहते हैं, तो स्थानीय पंचायत से संपर्क करें और प्रस्ताव प्रक्रिया शुरू करें।


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FAQs

1. Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana क्या है?

➤ यह भारत सरकार की एक योजना है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में हर मौसम में चलने वाली पक्की सड़कों का निर्माण करती है।

2. क्या 200 आबादी वाले गाँव को योजना में शामिल किया जाएगा?

➤ नहीं, पहाड़ी क्षेत्रों में न्यूनतम 250 और मैदानी में 500 आबादी ज़रूरी है।

3. सड़कों की गुणवत्ता कैसे सुनिश्चित की जाती है?

➤ तीन स्तरीय गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र (PIUs, SQMs, NQMs) और IRC मानकों के जरिए।

4. सड़क की गुणवत्ता खराब होने पर शिकायत कहाँ करें?

➤ हेल्पलाइन नंबर 011-23386042 या ग्राम पंचायत से संपर्क करें।

5. योजना में केंद्र और राज्य का फंडिंग अनुपात क्या है?

➤ सामान्य राज्यों में 60:40 और पहाड़ी राज्यों में 90:10।

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