Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2025: जैविक खेती करो, पाओ सरकारी मदद! पूरी जानकारी, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया!

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आज समय में जैस देश आधुनिक हो रहा है, टेक्नोलॉजी से भरा हुआ है ये हम सभी के लिए एक गर्व की बात है। तो अगर बोले की आज कल खेती भी आधुनिक हो गई है, तो क्या आप इसपर यकीन करेंगे? जी है ये बिल्कुल सच है। अगर आप एक किसान हैं या खेती से जुड़े हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है! भारत सरकार ने Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY) 2025 को और भी मजबूत करके लॉन्च किया है। ये योजना खासतौर पर उन किसानों के लिए है जो जैविक खेती करना चाहते हैं और अपनी जमीन को रसायनों से मुक्त रखना चाहते हैं।

इसका मकसद है मिट्टी को स्वस्थ बनाना, फसलों की क्वालिटी बढ़ाना और किसानों की आमदनी को बढ़ाना। 2015 में शुरू हुई ये योजना राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन (NMSA) का हिस्सा है और इसे मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन (SHM) के तहत चलाया जाता है। Paramparagat Krishi Vikas Yojana का मुख्य जोर है कि किसान रासायनिक खादों और कीटनाशकों को छोड़कर प्राकृतिक तरीकों से खेती करें। इसमें क्लस्टर बेस्ड अप्रोच का इस्तेमाल होता है, यानी 50 या ज्यादा किसान मिलकर 50 एकड़ जमीन पर जैविक खेती करते हैं।

सरकार इसके लिए वित्तीय मदद, ट्रेनिंग और मार्केटिंग की सुविधा देती है। 2025-26 तक इस योजना के तहत 6 लाख हेक्टेयर जमीन को जैविक खेती के दायरे में लाने का लक्ष्य है। अगर आप भी इस योजना का फायदा उठाना चाहते हैं, तो चलिए इसके बारे में और जानते हैं!

Paramparagat Krishi Vikas Yojana की विशेषताएं

  • समूह आधारित खेती: Yojana योजना में 50 या अधिक किसान एक समूह बनाकर 50 एकड़ जमीन पर जैविक खेती करते हैं। इससे सामूहिक संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल होता है।
  • PGS सर्टिफिकेशन: ये योजना पार्टिसिपेटरी गारंटी सिस्टम (PGS) के जरिए जैविक उत्पादों को सर्टिफाइड करती है, जो विश्वास और पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
  • वित्तीय सहायता: सरकार 3 साल के लिए प्रति किसान 50,000 रुपये तक की आर्थिक मदद देती है, जिसमें बीज, खाद और मार्केटिंग शामिल है।
  • ट्रेनिंग और तकनीकी सहायता: किसानों को जैविक खेती की ट्रेनिंग और विशेषज्ञों की सलाह दी जाती है।
  • स्थानीय बाजार का विकास: जैविक उत्पादों को बेचने के लिए स्थानीय और ऑनलाइन मार्केट (जैसे जैविक खेती पोर्टल) की सुविधा।
  • पर्यावरण संरक्षण: रासायनिक खादों का कम इस्तेमाल करके मिट्टी और पर्यावरण को बचाने पर जोर।
  • कम लागत वाली तकनीक: प्राकृतिक खाद और कीट नियंत्रण के तरीकों को बढ़ावा देना।

Paramparagat Krishi Vikas Yojana के लाभ

  • खेत की मिट्टी को उपजाऊ बनाना: जैविक खेती से मिट्टी की सेहत बेहतर होती है, जो लंबे समय तक फसल की पैदावार बढ़ाती है।
  • किसानों की आय में बढ़ोतरी: जैविक उत्पादों की डिमांड ज्यादा होने से किसानों को बेहतर कीमत मिलती है।
  • पौष्टिक उत्पाद: रसायन-मुक्त फसलें उपभोक्ताओं के लिए सुरक्षित और पौष्टिक होती हैं।
  • पर्यावरण की सुरक्षा: रासायनिक उर्वरकों का कम इस्तेमाल होने से पर्यावरण को नुकसान नहीं होता।
  • सामूहिक लाभ: समूह अप्रोच से किसान एक-दूसरे के अनुभव से सीखते हैं और लागत कम होती है।
  • मार्केटिंग सपोर्ट: जैविक खेती पोर्टल और स्थानीय बाजारों के जरिए उत्पादों को बेचने की सुविधा।
  • सरकारी सहायता: 60:40 के अनुपात में केंद्र और राज्य सरकारें फंडिंग करती हैं (उत्तर-पूर्वी राज्यों में 90:10)।

Paramparagat Krishi Vikas Yojana के लिए पात्रता

Paramparagat Krishi Vikas Yojana में आवेदन करने के लिए आपको निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना होगा:

  • आवेदक भारत का नागरिक और किसान होना चाहिए।
  • आपके पास कम से कम 0.2 हेक्टेयर (लगभग आधा एकड़) कृषि योग्य जमीन होनी चाहिए।
  • 50 या अधिक किसानों का समूह बनाना जरूरी है, जो 50 एकड़ जमीन पर जैविक खेती करें।
  • आप पहले से किसी दूसरी जैविक खेती योजना का लाभ न ले रहे हों।
  • क्लस्टर में शामिल होने की इच्छा और जैविक खेती के लिए 3 साल का कमिटमेंट।

Paramparagat Krishi Vikas Yojana के लिए जरूरी दस्तावेज

आवेदन करने के लिए आपको ये दस्तावेज जमा करने होंगे:

  • आधार कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र
  • जमीन के दस्तावेज (खसरा/खतौनी)
  • बैंक खाता पासबुक
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • मोबाइल नंबर
  • समूह के अन्य किसानों की जानकारी (समूह के लिए)
  • PGS सर्टिफिकेशन के लिए जरूरी फॉर्म (ऑफिशियल वेबसाइट से डाउनलोड करें)

Paramparagat Krishi Vikas Yojana Registration

Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2025 में आवेदन करना आसान है। नीचे स्टेप्स दिए गए हैं:

  • नजदीकी कृषि कार्यालय जाएं: सबसे पहले अपने जिले या ब्लॉक के कृषि विभाग कार्यालय या कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) पर संपर्क करें।
  • आवेदन फॉर्म लें: कार्यालय में से परम्परागत कृषि विकास योजना का आवेदन फॉर्म ले और उसे भरे।
  • फॉर्म में डिटेल्स भरें: फॉर्म में अपनी जानकारी सावधानी से भरें, जैसे: आपका नाम, पता, मोबाइल नंबर, आधार नंबर।
  • जरूरी दस्तावेज जोड़ें: फॉर्म के साथ जरुरी दस्तावेज अटैच करें, जैसे: आधार कार्ड की कॉपी, निवास प्रमाण पत्र, जमीन के दस्तावेज, बैंक पासबुक की कॉपी आदि।
  • फॉर्म जमा करें: भरा हुआ फॉर्म और दस्तावेज कार्यालय में जमा करें। वहां मौजूद अधिकारी आपके फॉर्म को चेक करेंगे और अगर कोई कमी होगी, तो आपको बता देंगे।
  • रसीद लें: फॉर्म जमा करने के बाद, कार्यालय से एक रसीद या रजिस्ट्रेशन नंबर जरूर लें। ये आपके आवेदन का सबूत होगा और भविष्य में ट्रैक करने के लिए काम आएगा।
  • वेरिफिकेशन प्रक्रिया: फॉर्म जमा होने के बाद, कृषि विभाग आपके दस्तावेजों और जमीन का वेरिफिकेशन करेगा। इसमें कुछ समय (2-4 हफ्ते) लग सकता है। वेरिफिकेशन के बाद, आपको समूह में शामिल किया जाएगा और योजना की सहायता मिलनी शुरू होगी।
  • ट्रेनिंग और सपोर्ट: एक बार आपका आवेदन स्वीकार हो जाने के बाद, आपको जैविक खेती की ट्रेनिंग, वित्तीय सहायता (50,000 रुपये तक प्रति किसान) और मार्केटिंग सपोर्ट मिलेगा।

संपर्क जानकारी

अगर आपको Paramparagat Krishi Vikas Yojana के बारे में और जानकारी चाहिए या आवेदन में कोई दिक्कत आ रही है, तो आप इनसे संपर्क कर सकते हैं:

  • ऑफिशियल वेबसाइट: rkvy.da.gov.in
  • हेल्पलाइन नंबर: 1800-180-1551 (कृषि मंत्रालय हेल्पलाइन)
  • ईमेल: nconf.dac@gov.in
  • नजदीकी कृषि कार्यालय: अपने जिले के कृषि विभाग या ब्लॉक ऑफिस में संपर्क करें।

निष्कर्ष

भारत सरकार के द्वारा शुरू की गई Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2025 किसानों के लिए एक अच्छी खेती करने का मौका है। केमिकल पर निर्भरता कम करने से जमीन तो ताकतवर बनेगी ही, साथ ही हमारा खेती का खर्च भी काफी कम हो जाएगा। जैविक खेती आज के समय की जरूरत है, क्योंकि लोग अब रसायन-मुक्त खाना पसंद करते हैं। इस योजना के जरिए आप न सिर्फ अपनी मिट्टी को स्वस्थ रख सकते हैं, बल्कि पर्यावरण को भी बचा सकते हैं।

सरकार की तरफ से मिलने वाली ट्रेनिंग, वित्तीय मदद और मार्केटिंग सपोर्ट आपके लिए बहुत अच्छा होगा। 2025 में भी सरकार इस योजना को बढ़ावा दे रही है। अगर आप महंगी खाद और दवाइयों से छुटकारा पाना चाहते है, या चाहते हैं कि आपकी आने वाली पीढ़ियों को भी अच्छी जमीन मिले, और आप बाजार में अपनी मेहनत का सही दाम पाना चाहते हैं, तो परम्परागत कृषि विकास योजना का लाभ जरूर ले।


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FAQs

1. परम्परागत कृषि विकास योजना क्या है?

➤ ये भारत सरकार की एक योजना है, जो जैविक खेती को बढ़ावा देती है। इसका उद्देश्य मिट्टी की सेहत सुधारना और किसानों की आय बढ़ाना है।

2. परम्परागत कृषि विकास योजना में आवेदन कौन कर सकता है?

➤ कोई भी भारतीय किसान, जिसके पास कम से कम 0.2 हेक्टेयर जमीन हो और जो समूह में शामिल होने को तैयार हो, आवेदन कर सकता है।

3. परम्परागत कृषि विकास योजना में कितनी आर्थिक सहायता मिलती है?

➤ 3 साल के लिए प्रति किसान 50,000 रुपये तक की मदद मिलती है, जिसमें बीज, खाद और मार्केटिंग शामिल है।

4. PGS सर्टिफिकेशन क्या है?

➤ PGS यानी पार्टिसिपेटरी गारंटी सिस्टम, जो जैविक खेती के उत्पादों को सर्टिफाइड करता है।

5. क्या परम्परागत कृषि विकास योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते है?

➤ हां, आप pgsindia-ncof.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑफलाइन आवेदन भी कृषि कार्यालय में जमा कर सकते हैं।

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